प्रज्ञानं

कृष्ण यजुर्वेदीय उपनिषद (शुकरहस्योपनिषद) में महर्षि व्यास जी के आग्रह पर भगवान शिव उनके पुत्र शुकदेव को चार महावाक्यों का उपदेश 'ब्रह्म रहस्य' के रूप में देते हैं। वे चार महावाक्य- 1 ॐ प्रज्ञानं ब्रह्म 2 ॐ अहं ब्रह्माऽस्मि 3 ॐ तत्त्वमसि और 4 ॐ अयमात्मा ब्रह्म हैं।

गुरुवार, 1 अगस्त 2013

Aitareyopanishad explained by Swami Shri Abhayanand Saraswati Ji Maharaj

प्रस्तुतकर्ता Suresh Mishra (सुरेश मिश्र) पर 10:38 am कोई टिप्पणी नहीं:
नई पोस्ट पुराने पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें संदेश (Atom)

AddThis

Feedjit

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
Suresh Mishra (सुरेश मिश्र)
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

ब्लॉग आर्काइव

  • ▼  2013 (6)
    • ▼  अगस्त (1)
      • Aitareyopanishad explained by Swami Shri Abhayanan...
    • ►  अप्रैल (5)
  • ►  2011 (22)
    • ►  दिसंबर (1)
    • ►  अक्टूबर (2)
    • ►  सितंबर (4)
    • ►  अगस्त (6)
    • ►  जुलाई (7)
    • ►  जून (1)
    • ►  जनवरी (1)
  • ►  2010 (6)
    • ►  नवंबर (5)
    • ►  जनवरी (1)

फ़ॉलोअर

ऑसम इंक. थीम. Blogger द्वारा संचालित.